मदमस्त पवन।-राही चल : अनिल मिश्र प्रहरी (Anil Mishra Prahari)| Hindi Poem | Hindi Kavita,
मदमस्त पवन।-राही चल : अनिल मिश्र प्रहरी (Anil Mishra Prahari)| Hindi Poem | Hindi Kavita, खुशबू है साँसों में तेरी कानन, उपवन करते फेरी, किन फूलों से गंध चुराकर मुकुलित कलियों से टकराकर। मेरे आज भवन, मदमस्त पवन। किन देशों से होकर आये राहों में क्या ठोकर खाये? पर्वत, सरिता, रेतों में भी बहे घने …