मतलब मुआ’मलात का कुछ पा गया हूँ मैं -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita,

मतलब मुआ’मलात का कुछ पा गया हूँ मैं -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, मतलब मुआ’मलात का कुछ पा गया हूँ मैं हँस कर फ़रेब-ए-चश्म-ए-करम खा गया हूँ मैं बस इंतिहा है छोड़िए बस रहने दीजिए ख़ुद अपने ए’तिमाद से शर्मा गया हूँ मैं साक़ी ज़रा निगाह मिला कर …

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