ज़मी बदली, फ़लक बदला, मज़ाके-ज़िन्दगी बदला-गुल-ए-नग़मा-फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri

ज़मी बदली, फ़लक बदला, मज़ाके-ज़िन्दगी बदला-गुल-ए-नग़मा-फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri ज़मी बदली, फ़लक बदला, मज़ाके-ज़िन्दगी बदला तमद्दुन के कदीम अक़दार बदले आदमी बदला। ख़ुदा-ओ-अह्रमन बदले वो ईमाने-दुई बदला हुदूदे-ख़ैरो-शर बदले, मज़ाके-काफ़िरी बदला। नये इंसान का जब दौरे-ख़ुदनाआगही बदला रमूज़े-बेखुदी बदले, तक़ाज़ा-ए-ख़ुदी बदला। बदलते जा रहे हम भी दुनिया को …

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