सहज नहीं था ‘दीप’, कुचा ए यार से गुज़रना। जिससे की थी मुहब्बत, उसी से अदावत करना…
सहज नहीं था 'दीप', कुचा ए यार से गुज़रना। जिससे…
सहज नहीं था 'दीप', कुचा ए यार से गुज़रना। जिससे…
हमने सिर्फ एक ही ख्वाब देखा था लेकिन तुम्हे देखने…
@nair_hena08 @VeerannaAthani बहुत ही सुंदर शायरी और वो कौन थी…
बहुत #दिनों बाद आज आज मेरा #दिल ये सोचकर #रो…
तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले तेरा हुस्न…