खुबसूरत मेरी शायरी नहीं तेरी मोहब्बत हैं जो नुर बन कर झलकती है मेरे लफ्जों में …
खुबसूरत मेरी शायरी नहीं तेरी मोहब्बत हैं जो नुर बन…
खुबसूरत मेरी शायरी नहीं तेरी मोहब्बत हैं जो नुर बन…
जो आपकी परवाह न करें मोहब्बत बेइंतहा उसी श़ख्स से…
तुम्हें किस तरहा से पुकारा करें कोई नाम लें या…
कभी बेपनाह मोहब्बत तो कभी बेशुमार बेरुखियाँ, इश्क़ में जो…