साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश हो जाना इसी को . . . . . . . .. . …
साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश…
साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश…
कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा, ना जाने कौन…
निब्बा-निब्बी शायरी निब्बा - तुम अब से स्कूल मत जाना…
मुर्शेद उसपे में शायरी कर बैठा जान न पहचान वसीम..…
सुनो! बोहोत फ़र्क़ है जीने में और तुम्हारे बिना जीने…