गड़्ह बगदाद निवायकै मका मदीना सभ निवाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
गड़्ह बगदाद निवायकै मका मदीना सभ निवाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji सिध चौरासीह मंडली खट दरशन पाखंड जणाया ॥ पातालां आकाश लख जित्ती धरती जगत सबाया ॥ जिती नवखंड मेदनी सतनाम का चक्र फिराया ॥ देवदानो राकस दैंत सभ चित्र गुपत …