गुर नानक गुर नानक तूं-कविताएं-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji
गुर नानक गुर नानक तूं-कविताएं-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji नदी किनारे कूक पुकारां, उम्मल उम्मल बांह उलारां, ‘साईआं’ ‘साईआं’ हाकां मारां, तूं साजन अलबेला तूं । ‘तर के आवां’ ज़ोर न बाहीं, शूके नदी कांग भर आही, ‘तुर के आवां’ राह न काई, साजन सखा …