गलीं असी चंगीआ आचारी बुरीआह-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

गलीं असी चंगीआ आचारी बुरीआह-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji गलीं असी चंगीआ आचारी बुरीआह ॥ मनहु कुसुधा कालीआ बाहरि चिटवीआह ॥ रीसा करिह तिनाड़ीआ जो सेवहि दरु खड़ीआह ॥ नालि खसमै रतीआ माणहि सुखि रलीआह ॥ होदै ताणि निताणीआ रहहि निमानणीआह ॥ नानक जनमु सकारथा …

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 कैहा कंचनु तुटै सारु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

कैहा कंचनु तुटै सारु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji कैहा कंचनु तुटै सारु ॥ अगनी गंढु पाए लोहारु ॥ गोरी सेती तुटै भतारु ॥ पुतीं गंढु पवै संसारि ॥ राजा मंगै दितै गंढु पाइ ॥ भुखिआ गंढु पवै जा खाइ ॥ काला गंढु नदीआ मीह झोल …

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पड़ि पड़ि गडी लदीअहि पड़ि पड़ि भरीअहि साथ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

पड़ि पड़ि गडी लदीअहि पड़ि पड़ि भरीअहि साथ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji पड़ि पड़ि गडी लदीअहि पड़ि पड़ि भरीअहि साथ ॥ पड़ि पड़ि बेड़ी पाईऐ पड़ि पड़ि गडीअहि खात ॥ पड़ीअहि जेते बरस बरस पड़ीअहि जेते मास ॥ पड़ीऐ जेती आरजा पड़ीअहि जेते सास ॥ …

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जे मोहाका घरु मुहै घरु मुहि पितरी देइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

जे मोहाका घरु मुहै घरु मुहि पितरी देइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji जे मोहाका घरु मुहै घरु मुहि पितरी देइ ॥ अगै वसतु सिञाणीऐ पितरी चोर करेइ ॥ वढीअहि हथ दलाल के मुसफी एह करेइ ॥ नानक अगै सो मिलै जि खटे घाले देइ ॥१॥(472)॥

सो अउधूती जो धूपै आपु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

सो अउधूती जो धूपै आपु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji सो अउधूती जो धूपै आपु ॥ भिखिआ भोजनु करै संतापु ॥ अउहठ पटण महि भीखिआ करै ॥ सो अउधूती सिव पुरि चड़ै ॥ बोलै गोरखु सति सरूपु ॥ परम तंत महि रेख न रूपु ॥३॥(952)॥

साहिबु मेरा उजला जे को चिति करेइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

साहिबु मेरा उजला जे को चिति करेइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji साहिबु मेरा उजला जे को चिति करेइ ॥ नानक सोई सेवीऐ सदा सदा जो देइ ॥ नानक सोई सेवीऐ जितु सेविऐ दुखु जाइ ॥ अवगुण वंञनि गुण रवहि मनि सुखु वसै आइ ॥२॥(956)॥

 दुख विचि जमणु दुखि मरणु दुखि वरतणु संसारि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

दुख विचि जमणु दुखि मरणु दुखि वरतणु संसारि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji दुख विचि जमणु दुखि मरणु दुखि वरतणु संसारि ॥ दुखु दुखु अगै आखीऐ पड़्हि पड़्हि करहि पुकार ॥ दुख कीआ पंडा खुल्हीआ सुखु न निकलिओ कोइ ॥ दुख विचि जीउ जलाइआ दुखीआ चलिआ …

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 पहिलै पिआरि लगा थण दुधि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

पहिलै पिआरि लगा थण दुधि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji पहिलै पिआरि लगा थण दुधि ॥ दूजै माइ बाप की सुधि ॥ तीजै भया भाभी बेब ॥ चउथै पिआरि उपंनी खेड ॥ पंजवै खाण पीअण की धातु ॥ छिवै कामु न पुछै जाति ॥ सतवै संजि …

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सबाही सालाह जिनी धिआइआ इक मनि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

सबाही सालाह जिनी धिआइआ इक मनि-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji सबाही सालाह जिनी धिआइआ इक मनि ॥ सेई पूरे साह वखतै उपरि लड़ि मुए ॥ दूजै बहुते राह मन कीआ मती खिंडीआ ॥ बहुतु पए असगाह गोते खाहि न निकलहि ॥ तीजै मुही गिराह भुख …

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लिखि लिखि पड़िआ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

लिखि लिखि पड़िआ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji लिखि लिखि पड़िआ ॥ तेता कड़िआ ॥ बहु तीरथ भविआ ॥ तेतो लविआ ॥ बहु भेख कीआ देही दुखु दीआ ॥ सहु वे जीआ अपणा कीआ ॥ अंनु न खाइआ सादु गवाइआ ॥ बहु दुखु पाइआ दूजा भाइआ …

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