दस बालतणि बीस रवणि तीसा का सुंदरु कहावै -सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

दस बालतणि बीस रवणि तीसा का सुंदरु कहावै -सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji   दस बालतणि बीस रवणि तीसा का सुंदरु कहावै ॥ चालीसी पुरु होइ पचासी पगु खिसै सठी के बोढेपा आवै ॥ सतरि का मतिहीणु असीहां का विउहारु न पावै ॥ नवै का सिहजासणी …

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विसमादु नाद विसमादु वेद-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

विसमादु नाद विसमादु वेद-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji विसमादु नाद विसमादु वेद ॥ विसमादु जीअ विसमादु भेद ॥ विसमादु रूप विसमादु रंग ॥ विसमादु नागे फिरहि जंत ॥ विसमादु पउणु विसमादु पाणी ॥ विसमादु अगनी खेडहि विडाणी ॥ विसमादु धरती विसमादु खाणी ॥ विसमादु सादि …

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 वदी सु वजगि नानका सचा वेखै सोइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

वदी सु वजगि नानका सचा वेखै सोइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji वदी सु वजगि नानका सचा वेखै सोइ ॥ सभनी छाला मारीआ करता करे सु होइ ॥ अगै जाति न जोरु है अगै जीउ नवे ॥ जिन की लेखै पति पवै चंगे सेई केइ ॥३॥(469)॥

 पहिला सुचा आपि होइ सुचै बैठा आइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

पहिला सुचा आपि होइ सुचै बैठा आइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji पहिला सुचा आपि होइ सुचै बैठा आइ ॥ सुचे अगै रखिओनु कोइ न भिटिओ जाइ ॥ सुचा होइ कै जेविआ लगा पड़णि सलोकु ॥ कुहथी जाई सटिआ किसु एहु लगा दोखु ॥ अंनु देवता …

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सो पाखंडी जि काइआ पखाले-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

सो पाखंडी जि काइआ पखाले-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji सो पाखंडी जि काइआ पखाले ॥ काइआ की अगनि ब्रहमु परजाले ॥ सुपनै बिंदु न देई झरणा ॥ तिसु पाखंडी जरा न मरणा ॥ बोलै चरपटु सति सरूपु ॥ परम तंत महि रेख न रूपु ॥५॥(952)॥

हउ मुआ मै मारिआ पउणु वहै दरीआउ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

हउ मुआ मै मारिआ पउणु वहै दरीआउ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji हउ मुआ मै मारिआ पउणु वहै दरीआउ ॥ त्रिसना थकी नानका जा मनु रता नाइ ॥ लोइण रते लोइणी कंनी सुरति समाइ ॥ जीभ रसाइणि चूनड़ी रती लाल लवाइ ॥ अंदरु मुसकि झकोलिआ कीमति …

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जे रतु लगै कपड़ै जामा होइ पलीतु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

जे रतु लगै कपड़ै जामा होइ पलीतु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji जे रतु लगै कपड़ै जामा होइ पलीतु ॥ जो रतु पीवहि माणसा तिन किउ निरमलु चीतु ॥ नानक नाउ खुदाइ का दिलि हछै मुखि लेहु ॥ अवरि दिवाजे दुनी के झूठे अमल करेहु ॥१॥(140)॥

 भै विचि पवणु वहै सदवाउ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

भै विचि पवणु वहै सदवाउ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji भै विचि पवणु वहै सदवाउ ॥ भै विचि चलहि लख दरीआउ ॥ भै विचि अगनि कढै वेगारि ॥ भै विचि धरती दबी भारि ॥ भै विचि इंदु फिरै सिर भारि ॥ भै विचि राजा धरम दुआरु …

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लबु पापु दुइ राजा महता कूड़ु होआ सिकदारु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

लबु पापु दुइ राजा महता कूड़ु होआ सिकदारु-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji लबु पापु दुइ राजा महता कूड़ु होआ सिकदारु ॥ कामु नेबु सदि पुछीऐ बहि बहि करे बीचारु ॥ अंधी रयति गिआन विहूणी भाहि भरे मुरदारु ॥ गिआनी नचहि वाजे वावहि रूप करहि सीगारु …

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नानक फिकै बोलिऐ तनु मनु फिका होइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji

नानक फिकै बोलिऐ तनु मनु फिका होइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji नानक फिकै बोलिऐ तनु मनु फिका होइ ॥ फिको फिका सदीऐ फिके फिकी सोइ ॥ फिका दरगह सटीऐ मुहि थुका फिके पाइ ॥ फिका मूरखु आखीऐ पाणा लहै सजाइ ॥१॥(473)॥