गुरसिखा कै मनि भावदी-श्लोक -गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

गुरसिखा कै मनि भावदी-श्लोक -गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji गुरसिखा कै मनि भावदी गुर सतिगुर की वडिआई ॥ हरि राखहु पैज सतिगुरू की नित चड़ै सवाई ॥ गुर सतिगुर कै मनि पारब्रहमु है पारब्रहमु छडाई ॥ गुर सतिगुर ताणु दीबाणु हरि तिनि सभ आणि निवाई …

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