आनीले कागदु काटीले गूडी आकास मधे भरमीअले-बाणी नामदेउ जीउ की ੴ सतिगुर प्रसादि -शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji 

आनीले कागदु काटीले गूडी आकास मधे भरमीअले-बाणी नामदेउ जीउ की ੴ सतिगुर प्रसादि -शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji आनीले कागदु काटीले गूडी आकास मधे भरमीअले ॥ पंच जना सिउ बात बतऊआ चीतु सु डोरी राखीअले ॥1॥ मनु राम नामा बेधीअले ॥ जैसे कनिक …

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