शहरे आशोब-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

शहरे आशोब-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi अब तो कुछ सुख़न का मेरे कारोबार बंद । रहती है तबअ सोच में लैलो निहार बंद । दरिया सुख़न की फ़िक्र का है मौज दार बंद । हो किस तरह न मुंह में जुबां बार बार बंद । जब आगरे की ख़ल्क़ …

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वो रश्के-चमन कल जो ज़ेबे-चमन था-ग़ज़लें-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

वो रश्के-चमन कल जो ज़ेबे-चमन था-ग़ज़लें-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi वो रश्के-चमन कल जो ज़ेबे-चमन था चमन जुम्बिशे-शाख से सीना-ज़न था गया मैं जो उस बिन चमन में तो हर गुल मुझे उस घड़ी अख़गरे-पैरहन था ये गुंचा जो बेदर्द गुलचीं ने तोड़ा ख़ुदा जाने किसका ये नक्शे-दहन था …

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