गीत-शामे-श्हरे-यारां -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Faiz Ahmed Faiz

गीत-शामे-श्हरे-यारां -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Faiz Ahmed Faiz चलो फिर से मुस्कुराएं चलो फिर से दिल जलाएं जो गुज़र गई हैं रातें उनहें फिर जगा के लाएं जो बिसर गई हैं बातें उनहें याद में बुलाएं चलो फिर से दिल लगाएं चलो फिर से मुस्कुराएं किसी शह-नशीं पे झलकी वो धनक किसी …

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