गीत गुंज (कुंज)-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 2

गीत गुंज (कुंज)-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 2 जिधर देखिये, श्याम विराजे जिधर देखिये, श्याम विराजे । श्याम कुंज वन, यमुना श्यामा, श्याम गगन, घन-वारिद गाजे । श्याम धरा, तृषा-गुल्म श्याम हैं श्याम सुरभि-अंचल दल साजे; श्याम बलाका, शालि श्याम हैं, श्याम-विजय-बाजे नभ बाजे । श्याम मयूर, कोकिला श्यामा, …

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गीत गुंज (कुंज)-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1

गीत गुंज (कुंज)-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1 वरद हुई शारदा जी हमारी वरद हुई शारदा जी हमारी, पहनी वसंत की माला संवारी । लोक विशोक हुए, आंखों से उमड़े गगन लाखों पांखों से, कोयलें मंजरी की शाखों से, गाएं सुमंगल होली तुम्हारी । नाचे मयूर प्रात के फूटे …

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