गीता-ज्ञान-प्रहरी : अनिल मिश्र प्रहरी (Anil Mishra Prahari)| Hindi Poem | Hindi Kavita,

गीता-ज्ञान-प्रहरी : अनिल मिश्र प्रहरी (Anil Mishra Prahari)| Hindi Poem | Hindi Kavita, कर्म पर मानव तेरा अधिकार है। कर्म करता चल, न सोचो क्या मिला शूल डालों पर सजा या गुल खिला, हो नहीं आसक्ति, फल में भी कभी पूर्ण हो न हो , करम तू कर सभी, समत्व का रख भाव, इसमें योग …

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