शहरे आशोब-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

शहरे आशोब-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi अब तो कुछ सुख़न का मेरे कारोबार बंद । रहती है तबअ सोच में लैलो निहार बंद । दरिया सुख़न की फ़िक्र का है मौज दार बंद । हो किस तरह न मुंह में जुबां बार बार बंद । जब आगरे की ख़ल्क़ …

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