गाहे गाहे जो इधर आप करम करते हैं-इंशा अल्ला खाँ ‘इंशा’ -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Insha Allah Khan Insha
गाहे गाहे जो इधर आप करम करते हैं-इंशा अल्ला खाँ ‘इंशा’ -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Insha Allah Khan Insha गाहे गाहे जो इधर आप करम करते हैं वो हैं उठ जाते हैं ये और सितम करते हैं जी न लग जाए कहीं तुझ से इसी वास्ते बस रफ़्ता रफ़्ता तिरे हम …