ख़ैबर की लड़ाई- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi 

ख़ैबर की लड़ाई- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi हो क्यूं न बुरा गम से ख़वारिज का दहाड़ा? जड़ पेड़ से कुफ्र उनका न क्यूं जाये उखाड़ा? घर तैश मुख़ालिफ़ का रहे क्यूं न उजाड़ा? “ले नाम अली” जब कहूं ललकार जबाड़ा। दरियाये फ़लक का भी दहल जाये कड़ाड़ा॥1॥ …

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