ग़रीबे-शह्र के नाम-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz,
ग़रीबे-शह्र के नाम-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz, ग़रीबे-शह्र तिरी दुखभरी नवा प’ सलाम तिरी तलब तिरी चाहत तिरी वफ़ा प’ सलाम हरेक हर्फ़े-तमन्ना-ए-दिलरुबा प’ सलाम हदीसे-दर्दो-सुकूते-सुख़न अदा प’ सलाम दरीदा दिल ! तिरे आहंग साज़े-ग़म प’ निसार गुहरफ़रोश ! तिरे रंग-ए-चश्मे-नम प’ निसार जुनूँ का शहर है …