मुझसे पहली-सी मुहब्बत मिरे महबूब न मांग-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz
मुझसे पहली-सी मुहब्बत मिरे महबूब न मांग-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz मुझसे पहली-सी मुहब्बत मिरे महबूब न मांग मैनें समझा था कि तू है तो दरख़शां है हयात तेरा ग़म है तो ग़मे-दहर का झगड़ा क्या है तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात …