ग़ज़ल-याद आता है कि मैं हूँ शंकरन या मंकरन-दुष्यंत कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dushyant Kumar
ग़ज़ल-याद आता है कि मैं हूँ शंकरन या मंकरन-दुष्यंत कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dushyant Kumar याद आता है कि मैं हूँ शंकरन या मंकरन आप रुकिेए फ़ाइलों में देख आता हूँ मैं हैं ये चिंतामन अगर तो हैं ये नामों में भ्रमित इनको दारु की ज़रूरत है ये बतलाता हूँ मैं …