सूली चढ़ी हैं बस्तियों की बस्तियां-ग़ज़लें-ख़याल लद्दाखी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Khayal Ladakhi
सूली चढ़ी हैं बस्तियों की बस्तियां-ग़ज़लें-ख़याल लद्दाखी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Khayal Ladakhi सूली चढ़ी हैं बस्तियों की बस्तियां आदाब ऐ किरदार ए मरग ए नागहां है किस के हाथों में क़लम तलवार सी है कौन जो लिखता लहू से दास्तां होता नहीं है अब दुआओं का असर आलम जहां की बनदगी …