इसी आकाश में -हरभगवान चावला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harbhagwan Chawla Part 4
इसी आकाश में -हरभगवान चावला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harbhagwan Chawla Part 4 पाप अपने पापों को आटे में गूँथकर पेड़ा बनाइये अपने हाथों पेड़ा गाय को खिलाइये और फिर से पाप करने में जुट जाइये। दुनिया के सबसे अच्छे लोग सबसे पहले अपना दिमाग़ किसी धर्मगुरु की अँधेरी गुफा में …