मन के घाव नये न ये तेवरी-रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Man Ke Ghav Naye Na Yeh Part 1

मन के घाव नये न ये तेवरी-रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Man Ke Ghav Naye Na Yeh Part 1 सदा न मिलती हार, सदा न रहते द्वन्द्व यूँ ऐसे घुटना टेक ना, ऐसे घुट ना यार। 1 काल न देखे काल, भाल न देखे भाल को भीमकाय तू है भले मत गरूर कर …

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मन के घाव नये न ये तेवरी-रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Man Ke Ghav Naye Na Yeh Part 2

मन के घाव नये न ये तेवरी-रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Man Ke Ghav Naye Na Yeh Part 2 गह रे! मेरा हाथ, गहरे तम के बीच तू नव प्रकाश लाना हमें, मेंटेंगे अंधियार। 52 झट गुण्डों के हाथ, नेता ने ता से गहे बूथ-कैप्चरिंग हो सके छल-बल से हर बार। 53 लिये …

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तेवरियां( लोक-शैली ‘रसिया’) -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Lok-Shaili Rasiya Part 1

तेवरियां( लोक-शैली ‘रसिया’) -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Lok-Shaili Rasiya Part 1 बेपेंदी का लोटा, जिसका चाल-चलन है खोटा बेपेंदी का लोटा, जिसका चाल-चलन है खोटा उससे हर सौदे में टोटा आना निश्चित है। जो गोदाम डकारे, जिसका पेट फूलकर मोटा उसके हिस्से में हर कोटा आना निश्चित है। रेखा लाँघे सीता, रावण …

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तेवरियां( लोक-शैली ‘रसिया’) -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Lok-Shaili Rasiya Part 2

तेवरियां( लोक-शैली ‘रसिया’) -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Lok-Shaili Rasiya Part 2 मीठे सोच हमारे, स्वारथवश कड़वाहट धारे मीठे सोच हमारे, स्वारथवश कड़वाहट धारे भइया का दुश्मन अब भइया घर के भीतर है। इक कमरे में मातम, भूख गरीबी अश्रुपात गम दूजे कमरे ताता-थइया घर के भीतर है। नित दहेज के ताने, सास-ननद …

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तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 1

तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 1   सिस्टम में बदलाव ला सिस्टम में बदलाव ला दुःख में सुख के भाव ला, आज व्यवस्था क्रूर है। अंधकार भरपूर है माना मंजिल दूर है, बढ़ आगे फिर नूर है। मन में अब अंगार हो, खल-सम्मुख ललकार हो, कह मत उसे ‘हुजूर …

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तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 2

तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 2 हर अनीति से युद्ध लड़ हर अनीति से युद्ध लड़ क्रान्ति-राह पर यार बढ़, बैठ न मन को मार कर। खल का नशा उतार दे शब्दों को तलवार दे, चल दुश्मन पर वार कर। ले हिम्मत से काम तू होती देख न शाम …

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तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 2

तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 2 निवेश है विदेशी सोच मत सोच, देश साँकलों के साथ है। 20 कैंचियों के देश में एक भी कपोत कहाँ पै परों के साथ है? 21 आदमी को देख के पेड़ बोले-“देख ले कुल्हाडि़यों के साथ हैं”। 22 द्रौपदी बिकी देख दुःशासन सभा …

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तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 1

तेवर चालीसा -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Tewar-Chalisa Part 1 पागलों के साथ है मानो आज राजनीति दानवों के साथ है। 1 आज मत पूछिए भीम जैसा दल-बल कौरवों के साथ है। 2 तम-भरी रात में हादसा-सा रोज एक दीपकों के साथ है। 3 कैसा है विकास ये पेट-भर जल, जन दो चनों …

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ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2

ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2 घनी उदासी अपने पास घनी उदासी अपने पास बुझी नहीं अधरों की प्यास। भले न ये दर्दालंकार मत दे घावों के अनुप्रास। अपनों से ये कैसी लाज? तेरे मेरे रिश्ते खास। इधर चुभन टीसों का दौर क्या मन रहता उधर उदास? मन मेरा तुझसे …

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गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1

गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1 सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे दोस्ती की रोशनी पै, हम खुशी पै, मर मिटे। फूल-सा अनुकूल मौसम और हमदम ला इधर प्यार की इकरार की हम चाँदनी पै मर मिटे। …

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