या मुझे अफसरे-शाहाना बनाया होता-बहादुर शाह ज़फ़र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bahadur Shah Zafar
या मुझे अफसरे-शाहाना बनाया होता-बहादुर शाह ज़फ़र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bahadur Shah Zafar या मुझे अफसरे-शाहाना बनाया होता या मुझे ताज-गदायाना बनाया होता खाकसारी के लिए गरचे बनाया था मुझे काश, खाके-दरे-जनाना बनाया होता नशा-ए-इश्क का गर जर्फ दिया था मुझको उम्र का तंग न पैमाना बनाया होता दिले-सदचाक बनाया तो बला से लेकिन …