कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet कुण्डलिया छंद-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet रामकथा के दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet …

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कुण्डलिया छंद-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

कुण्डलिया छंद-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   हिन्दी की महिमा परम, वैज्ञानिक है रूप। सरल-हृदयग्राही-मधुर, विकसित कोष अनूप। विकसित कोष अनूप, तरलता रही उदय से। बोली-भाषा अन्य, शब्द जुड़ गये हृदय से। भारत की है शान, भाल की जैसे बिन्दी। सुरभाषा का अंग, ‘रीत’ है अपनी हिन्दी। …

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रामकथा के दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

रामकथा के दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   कमल-नयन कीजै कृपा, सब जन रहें निरोग मंगल हो संसार में, मिटे आपदा-योग राम अवध में अवतरित, दशरथ-सुत सुचरित्र श्रीगुरुदेव वशिष्ठ से, विद्या पायी, मित्र! जनक राज-दरबार में, खींच शिव-धनुष-चाप सिया-स्वयंबर में बने, राम सिया-वर आप अवध पधारे वर-वधू, …

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दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

दोहे-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   होली पे सब रंग हों, मिलने को तैयार रिश्ते मीठे कर रही, गुझिया की मनुहार तेल उबलकर कह उठा, न्याय करे सरकार गुझिया को ही क्यों मिले, संरक्षण-अधिकार कूद पड़ी मैदान में, गुझिया थी तैयार संघर्षों के तेल से, किये हाथ …

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ग़ज़ल -1-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

ग़ज़ल -1-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   जुगनू कहीं से आ गये जैसे ख़्याल में उम्मीदें जगमगाई नये सर्द साल में धीरज के साथ हौसला और फर्ज़ ओढ़कर जलने लगे चिराग़, हवाओं के थाल में संकल्प जो लिये हैं नये साल में तो अब अंगारे कम न …

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ग़ज़ल-2-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

ग़ज़ल-2-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   ज़रा सा जागने दो इस दीये को अँधेरा फाँकने दो इस दीये को दिवारों में वो रस्ता ढूँढ लेगा दम अपना नापने दो इस दीये को तमस तो ठेलता आया युगों से अमा भी हाँकने दो इस दीये को रँगीली रोशनी …

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ग़ज़ल-3-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

ग़ज़ल-3-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet   घर की हो घर से एक मुलाकात चाय पर आये यों कोई शाम बने बात चाय पर मसलों का हल या कर सकें बातें जहान की मिलते हैं कम ही ऐसे तो लम्हात चाय पर बजते हैं घुँघरू जब भी याँ …

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माहिया छंद (टप्पे)-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet

माहिया छंद (टप्पे)-कविता-परमजीत कौर रीत-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Paramjeet Kaur Reet कठपुतली क्या बोले डोरी खींचे जब ऊपर वाला हौले जो श्वास खजाना है क्या तेरा मेरा इक दिन लुट जाना है हैं लेख लकीरों के मिलन-बिछड़ जाना सौदे तकदीरों के सुख के, दिन-रातों में पंख लगें बीते जीवन बस बातों …

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