पद्मिनी-गोरा-बादल-पंडित नरेंद्र मिश्र-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pandit Narendra Mishra
पद्मिनी-गोरा-बादल-पंडित नरेंद्र मिश्र-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pandit Narendra Mishra दोहराता हूँ सुनो रक्त से लिखी हुई कुर्बानी जिसके कारण मिट्टी भी चन्दन है राजस्थानी रावल रत्न सिंह को छल से कैद किया खिलजी ने कालजई मित्रों से मिलकर दगा किया खिलजी ने खिलजी का चित्तौड़दुर्ग में एक संदेशा आया जिसको सुनकर …