असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी) 

असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी) सिन्दूरी रिमझिम के बीच-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी)  हर बात का एक न एक अर्थ होता है-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर …

Read more

सिन्दूरी रिमझिम के बीच-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी) 

सिन्दूरी रिमझिम के बीच-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी)   सिन्दूरी रिमझिम के बीच यकायक ग़ायब मेरी नन्ही चिड़िया तू। नंग-धड़ंग सो रही लड़की की नींद का कोई नाम है तू — किसके हाथों निकलतीं तेरी कलियाँ? धान इस बार भी नहीं पका तेरी पलकों में …

Read more

हर बात का एक न एक अर्थ होता है-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी) 

हर बात का एक न एक अर्थ होता है-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी)   हर बात का एक न एक अर्थ होता है, जैसे प्रेम का, कविता का, क्षिति जल पावक समीर का अन्धे कुक्कुर के भूँकने का, खून लगे कुर्ते की जेब में चिंचिंयाते …

Read more

उस दिन रविवार था-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी) 

उस दिन रविवार था-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- शिव किशोर तिवारी)   रविवार का दिन, कसाईख़ाने से निकलकर ताज़ा ख़ून की सोत रास्ते से हो किनारे के नाले तक बहती है ; रास्ते से आने-जाने वाले जल्दी में हैं, तो उन्हें ख़ून की सोत वह नहीं दीखती ; …

Read more

तुमने कैसी बांसुरी बजाई-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

तुमने कैसी बांसुरी बजाई-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   एक दिन एक भिक्षुक की बांसुरी सुनकर तुमने कैसी बांसुरी बजाई इश्क़ मुश्किल जिस्म फ़ानी जानकर भूख या सीने से टकराती हुई प्यास किसका वह क्या चिर सत्य है ? बहुत पहले ही तुम जो ख़ुद को …

Read more

स्फटिक के एक टुकड़े पर उकेर लिया तुम्हें-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

स्फटिक के एक टुकड़े पर उकेर लिया तुम्हें-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   स्फटिक के एक टुकड़े पर उकेर लिया तुम्हें दबिता या तुम भग्नी रोशनी ख़त्म हो जाने के बाद भी तुम्हें देख पाऊँगा तुम्हारे नहीं रहने के बाद भी नेत्रहीन भी सीने में देख …

Read more

हंसध्वनि सुन रहा हूँ-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

हंसध्वनि सुन रहा हूँ-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   हंसध्वनि सुन रहा हूँ सुबह हुई है या रात हुई है मेरे हाथों की उंगलियों में पर्णांग उगे हैं मैंने ख़ुद को गंवा दिया है तुम ख़ुद को तलाश रहे हो कहीं ठिठका हुआ हूँ क्या या …

Read more

अन्धेरा-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

अन्धेरा-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   इतने दिनों तक लौटकर नहीं आए श्याम वर्ण के नाविकों की बातें हम कर रहे थे फैलाए गए केले के पत्तों से ओस की तरह बून्द-बून्द अन्धेरा टपक रहा था ।  

पहचान-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

पहचान-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   नेत्रहीन वृद्ध ने अपरान्ह के आकाश में एक नीली चिड़िया को उड़ाकर भर्राई हुई आवाज़ में हमसे कहा था — ’लोगों से कहना — उनकी दुनिया में कोई किसी को कभी पहचान नहीं पाया ।’  

शिशु की मृत्यु-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)

शिशु की मृत्यु-असमिया कविता-नीलमणि फूकन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nilmani Phookan(अनुवाद- दिनकर कुमार)   हमारे प्रथम शिशु की मृत्यु के दिन हम दोनों आँसू बहाते हुए सोच रहे थे धरती के तमाम लोगों को बुलाकर एक ही जगह अगर हम साथ-साथ रह पाते ।