मनिहारी-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar

मनिहारी-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar   मेरा वो दोस्त जो था मनिहारी देखते देखते हो गया सरकारी बांटता है चूड़ियां तोड़ने का सामान अब बिना मेहनताने का दरबारी।  

ये आम बात है-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar

ये आम बात है-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar   जिस बात से तू प्रेशान है ये आम बात है नफ़रत मुकाम है ये आम बात है तंगहाली,बदहाली हर गली शेयर बाजार में उफान है जब भूख शरेआम हो जहर बांटना नेक काम है हवा पानी बिके , अब धूप …

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रात का रोना-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar

रात का रोना-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar   अंधेरे कोने में बैठे रोते बच्चे को देख पास बैठी छोटी बहन उसका दुख जान नही पाती उसका रोना सह नही पाती कहना चाहती है कुछ लेकिन रोने लगी है उसकी आवाज में आवाज मिला कर। दोनों मां बाप की तरफ …

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पहाड़ और नदी-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar

पहाड़ और नदी-नरिन्द्र कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Narinder Kumar   पहाड़ ने पूछा नदी से पानी लेकर जाती हो जिनके लिए दूर दूर तक टेढ़े मेड़े पथरीले रास्तों से हो कर मान करते होंगे तुम्हारा बहुत वे बोली नदी पहाड़ से हां वैसा ही जैसे खेलते मचलते गोद में तुम्हारी चढ़ …

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