ईज़ा-दही की दाद जो पाता रहा हूँ मैं-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

ईज़ा-दही की दाद जो पाता रहा हूँ मैं-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia ईज़ा-दही की दाद जो पाता रहा हूँ मैं हर नाज़-आफ़रीं को सताता रहा हूँ मैं ऐ ख़ुश-ख़िराम पाँव के छाले तो गिन ज़रा तुझ को कहाँ कहाँ न फिराता रहा हूँ मैं इक हुस्न-ए-बे-मिसाल की तमसील …

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इक ज़ख़्म भी यारान-ए-बिस्मिल नहीं आने का-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

इक ज़ख़्म भी यारान-ए-बिस्मिल नहीं आने का-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia इक ज़ख़्म भी यारान-ए-बिस्मिल नहीं आने का मक़्तल में पड़े रहिए क़ातिल नहीं आने का अब कूच करो यारो सहरा से कि सुनते हैं सहरा में अब आइंदा महमिल नहीं आने का वाइ’ज़ को ख़राबे में इक …

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आज भी तिश्नगी की क़िस्मत में-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

आज भी तिश्नगी की क़िस्मत में-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia आज भी तिश्नगी की क़िस्मत में सम-ए-क़ातिल है सलसबील नहीं सब ख़ुदा के वकील हैं लेकिन आदमी का कोई वकील नहीं है कुशादा अज़ल से रू-ए-ज़मीं हरम-ओ-दैर बे-फ़सील नहीं ज़िंदगी अपने रोग से है तबाह और दरमाँ की …

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आगे असबे खूनी चादर और खूनी परचम निकले-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

आगे असबे खूनी चादर और खूनी परचम निकले-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia आगे असबे खूनी चादर और खूनी परचम निकले जैसे निकला अपना जनाज़ा ऐसे जनाज़े कम निकले दौर अपनी खुश-दर्दी रात बहुत ही याद आया अब जो किताबे शौक निकाली सारे वरक बरहम निकले है ज़राज़ी इस …

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अब जुनूँ कब किसी के बस में है-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

अब जुनूँ कब किसी के बस में है-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia अब जुनूँ कब किसी के बस में है उसकी ख़ुशबू नफ़स-नफ़स में है हाल उस सैद का सुनाईए क्या जिसका सैयाद ख़ुद क़फ़स में है क्या है गर ज़िन्दगी का बस न चला ज़िन्दगी कब किसी …

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अपना ख़ाका लगता हूँ-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

अपना ख़ाका लगता हूँ-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia अपना ख़ाका लगता हूँ एक तमाशा लगता हूँ आईनों को ज़ंग लगा अब मैं कैसा लगता हूँ अब मैं कोई शख़्स नहीं उस का साया लगता हूँ सारे रिश्ते तिश्ना हैं क्या मैं दरिया लगता हूँ उस से गले मिल …

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अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे अब हम किसी शख़्स की परवाह न करेंगे कुछ लोग कई लफ़्ज़ ग़लत बोल रहे हैं इसलाह मगर हम भी अब इसलाह न करेंगे कमगोई के एक वस्फ़-ए-हिमाक़त है बहर तो कमगोई …

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यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia   ख़ल्वत-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia सफ़र के वक़्त-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia दरख़्त-ए-ज़र्द-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia …

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ख़ल्वत-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

ख़ल्वत-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia मुझे तुम अपनी बाँहों में जकड़ लो और मैं तुम को किसी भी दिल-कुशा जज़्बे से यकसर ना-शनासाना नशात-ए-रंग की सरशारी-ए-हालत से बेगाना मुझे तुम अपनी बाँहों में जकड़ लो और मैं तुम को फ़ुसूँ-कारा निगारा नौ-बहारा आरज़ू-आरा भला लम्हों का मेरी …

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सफ़र के वक़्त-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

सफ़र के वक़्त-यानी -जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia तुम्हारी याद मिरे दिल का दाग़ है लेकिन सफ़र के वक़्त तो बे-तरह याद आती हो बरस बरस की हो आदत का जब हिसाब तो फिर बहुत सताती हो जानम बहुत सताती हो मैं भूल जाऊँ मगर कैसे भूल जाऊँ …

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