सूहे फुल्ल गुलाब नूं तक्क्यां, क्युं तेरे मूंह जरद फिरी-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

सूहे फुल्ल गुलाब नूं तक्क्यां, क्युं तेरे मूंह जरद फिरी-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala सूहे फुल्ल गुलाब नूं तक्क्यां, क्युं तेरे मूंह जरद फिरी ? हिम्मत दा फल किसे जे खाधा, क्युं तेरे दिल करद फिरी ? किते उमीद दा बद्दल वर्हआ, बैठा दस्स क्युं झूरें …

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बड़े चिरां दे बाद उहदे हत्थ आई चंगी बाज़ी ए-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

बड़े चिरां दे बाद उहदे हत्थ आई चंगी बाज़ी ए-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala बड़े चिरां दे बाद उहदे हत्थ आई चंगी बाज़ी ए । साडे उत्ते तुहमत लावे उसदी ज़र्रा-निवाज़ी ए । नफ़रत पाल मनां विच अपने बन्न्हे हत्थ ग़ुलाम बणे, इशक ओस दा याद …

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लाली तक्क किसे दे चेहरे क्युं पई तेरी जिन्द कुढ़े-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

लाली तक्क किसे दे चेहरे क्युं पई तेरी जिन्द कुढ़े-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala लाली तक्क किसे दे चेहरे क्युं पई तेरी जिन्द कुढ़े । मूंह तेरा तां खुल्हना की सी जापन मैनूं दन्द जुड़े । पार लंघे जो वाह वाह खट्टन सारे चुक्कदे हत्थां ते, …

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तेरे नाल इकट्ठियां तुरियां रुक रुक तैनूं भालदियां-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

तेरे नाल इकट्ठियां तुरियां रुक रुक तैनूं भालदियां-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala तेरे नाल इकट्ठियां तुरियां रुक रुक तैनूं भालदियां । हुन्दियां सी तरीफ़ां बड़ियां सुहण्यां तेरी चाल दियां । पहला तीर ही सिद्धा आया तैनूं ज़ख़मी कर ग्या उह, किधर गईआं ने पक्याईआं तेरी ढाल …

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 दोसती दे दूर घर ने आख्या सी रहन दे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

दोसती दे दूर घर ने आख्या सी रहन दे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala दोसती दे दूर घर ने आख्या सी रहन दे । ज़िन्दगी जो दे रही ए आपे सानूं सहन दे । विच हनेरे नाल गल्लां उसरे जेहड़े महल ने; चानन दी छिट्ट पैन ते …

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वेखो कीहदे हत्थ विच्च आईआं शाहियां ने-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

वेखो कीहदे हत्थ विच्च आईआं शाहियां ने-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala वेखो कीहदे हत्थ विच्च आईआं शाहियां ने । लोकां दे मूंह फिर गईआं हुन स्याहियां ने । कोई शाही लै अग्गे, शुकर हज़ारां करदा सी, शाह बणदियां उहने, बेनतियां ठुकराईआं ने । धौन हत्थ विच्च …

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आपनी राह ते तुरदे, किन्ने ही कंडे हूंझे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

आपनी राह ते तुरदे, किन्ने ही कंडे हूंझे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala आपनी राह ते तुरदे, किन्ने ही कंडे हूंझे । अक्खीं जो अत्थरू आए, बाहां दे नाल पूंझे । अजे दूर सी लड़ाई, ज़रा तेज़ वा वग्गी; जा दूर किते डिग्गे, साथी अक्क वाली रूं …

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दिन वेले जो लड़दा सी दूज्यां लई दर्यावां नाल-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

दिन वेले जो लड़दा सी दूज्यां लई दर्यावां नाल-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala दिन वेले जो लड़दा सी दूज्यां लई दर्यावां नाल । शाम पैंदियां लड़न लग्ग प्या आपने सके भरावां नाल । घर विच्च रोगी वी कोई होवे सारे सहम है छा जांदा, मरी ज़मीर …

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मेरे ख़्याल जिस जलाए उस सितम दा की करां-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

मेरे ख़्याल जिस जलाए उस सितम दा की करां-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala मेरे ख़्याल जिस जलाए उस सितम दा की करां बिन दरद जाण्यां ला दित्ती इस मर्हम दा की करां हंझूआं नाल ज़ख़म धोते कीते जो ग़म तेरे, तैनूं हसदियां वेख होए इस ज़ख़म …

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सिरलत्थां दी सत्थ अग्गे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala

सिरलत्थां दी सत्थ अग्गे-गज़लें-कर्मजीत सिंह गठवाला -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karamjit Singh Gathwala सिरलत्थां दी सत्थ अग्गे, लंघणां तां लंघीं सोच के । सारे राह कंडे ही कंडे, पैर रक्खीं बोच के । दिल ‘चों निकली जीभ अटकी, गल्ल तेरे अन्दरे, किन्नां चिर तूं होर रक्खनी मल्लोजोरी रोक के । ‘किन्ने …

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