इक सहमी सहमी सी आहट है, इक महका महका साया है-ग़ज़लें -अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi,
इक सहमी सहमी सी आहट है, इक महका महका साया है-ग़ज़लें -अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi, इक सहमी सहमी सी आहट है, इक महका महका साया है एहसास की इस तन्हाई में यह रात गए कौन आया है ए शाम आलम कुछ तू ही बता, यह ढंग …