ग़म-ए-मोहब्बत में दिल के दाग़ों से रू-कश-ए-लाला-ज़ार हूँ मैं-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

ग़म-ए-मोहब्बत में दिल के दाग़ों से रू-कश-ए-लाला-ज़ार हूँ मैं-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi ग़म-ए-मोहब्बत में दिल के दाग़ों से रू-कश-ए-लाला-ज़ार हूँ मैं फ़ज़ा बहारीं है जिस के जल्वों से वो हरीफ़-ए-बहार हूँ मैं खटक रहा हूँ हर इक की नज़रों में बच के चलती है मुझ से …

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ऐ आरज़ू-ए-शौक़ तुझे कुछ ख़बर है आज-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

ऐ आरज़ू-ए-शौक़ तुझे कुछ ख़बर है आज-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi ऐ आरज़ू-ए-शौक़ तुझे कुछ ख़बर है आज हुस्न-ए-नज़र-नवाज़ हरीफ़-ए-नज़र है आज हर राज़दाँ है हैरती-ए-जलवा-हा-ए-राज़ जो बा-ख़बर है आज वही बे-ख़बर है आज क्या देखिए कि देख ही सकते नहीं उसे अपनी निगाह-ए-शौक़ हिजाब-ए-नज़र है आज …

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बम चख़ है अपनी शाहे रईयत पनाह से-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

बम चख़ है अपनी शाहे रईयत पनाह से-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi बम चख़ है अपनी शाहे रईयत पनाह से इतनी सी बात पर कि ‘उधर कल इधर है आज’ । उनकी तरफ़ से दार-ओ-रसन, है इधर से बम भारत में यह कशाकशे बाहम दिगर है आज …

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मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ शिकस्ता दिल की आहों को हरीफ़-ए-ना-तवाँ कर लूँ न मैं बदला न वो बदले न दिल की आरज़ू बदली मैं क्यूँ कर ए’तिबार-ए-इंक़लाब-ए-ना-तवाँ कर लूँ न कर …

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 मोहब्बत में ज़ियाँ-कारी मुराद-ए-दिल न बन जाए-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

मोहब्बत में ज़ियाँ-कारी मुराद-ए-दिल न बन जाए-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi मोहब्बत में ज़ियाँ-कारी मुराद-ए-दिल न बन जाए ये ला-हासिल ही उम्र-ए-इश्क़ का हासिल न बन जाए मुझी पर पड़ रही है सारी महफ़िल में नज़र उन की ये दिलदारी हिसाब-ए-दोस्ताँ दर-दिल न बन जाए करूँगा उम्र …

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 हश्र में फिर वही नक़्शा नज़र आता है मुझे-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

हश्र में फिर वही नक़्शा नज़र आता है मुझे-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi हश्र में फिर वही नक़्शा नज़र आता है मुझे आज भी वादा-ए-फ़र्दा नज़र आता है मुझे ख़लिश-ए-इश्क़ मिटेगी मिरे दिल से जब तक दिल ही मिट जाएगा ऐसा नज़र आता है मुझे रौनक़-ए-चश्म-ए-तमाशा है …

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अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi हुस्न-ए-शोख़-चश्म में नाम को वफ़ा नहीं -अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi  हश्र में फिर वही नक़्शा नज़र आता है मुझे-अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi  मोहब्बत में ज़ियाँ-कारी …

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हुस्न-ए-शोख़-चश्म में नाम को वफ़ा नहीं -अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi

हुस्न-ए-शोख़-चश्म में नाम को वफ़ा नहीं -अल्लामा ताजवर नजीबाबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allama Tajvar Nazibabadi   हुस्न-ए-शोख़-चश्म में नाम को वफ़ा नहीं दर्द-आफ़रीं नज़र दर्द-आश्ना नहीं नंग-ए-आशिक़ी है वो नंग-ए-ज़िंदगी है वो जिस के दिल का आईना तेरा आईना नहीं आह उस की बे-कसी तू न जिस के साथ हो हाए उस …

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