गहने (ओडवेगळु)-कुपल्ली वेंकटप्पागौड़ा पुटप्पा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kuppali Venkatappa Puttappa
गहने (ओडवेगळु)-कुपल्ली वेंकटप्पागौड़ा पुटप्पा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kuppali Venkatappa Puttappa सोने के गहने क्योंकर, माँ ? तकलीफ देते हैं, नहीं चाहिए, माँ ! रंगीन कपड़े क्योंकर, माँ ? मिट्टी में खेलने नहीं देते, माँ ! ताकि दिखाई दो सुंदर, बहुत ही सुंदर-यों कहती हो सुंदर लगे किसको, कहो माँ ? देखनेवालों …