गर हम ने दिल सनम को दिया फिर किसी को क्या -ग़ज़लें-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

गर हम ने दिल सनम को दिया फिर किसी को क्या -ग़ज़लें-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi   गर हम ने दिल सनम को दिया फिर किसी को क्या इस्लाम छोड़ कुफ़्र लिया फिर किसी को क्या क्या जाने किस के ग़म में हैं आँखें हमारी लाल ऐ हम ने गो …

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