गर्मी-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो-ज़िन्दां-नामा-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz

गर्मी-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो-ज़िन्दां-नामा-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz गर्मी-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो गुल खिले जाते हैं, वह साय-ए-दर तो देखो ऐसे-नादाँ भी न थे जाँ से गुज़रने वाले नासेहो, पन्दगरो, राहगुज़र तो देखो वह तो वह है, तुम्हें हो जायेगी उल्फत मुझ से एक नज़र …

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