ज़िन्दां से एक ख़त-नाज़िम हिकमत रन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazim Hikmet Ran(अनुवाद : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़) 

ज़िन्दां से एक ख़त-नाज़िम हिकमत रन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazim Hikmet Ran(अनुवाद : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़) मेरी जां तुझको बतलाऊं बहुत नाज़ुक येह नुक़्ता है बदल जात है इंसां जब मकां उसका बदलता है मुझे ज़िन्दां में प्यार आने लगा है अपने ख़्वाबों पर जो शब को नींद अपने मेहरबां हाथों …

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