परी का सरापा-नारी श्रृंगार-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

परी का सरापा-नारी श्रृंगार-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi खूंरेज़करिश्मा, नाज़ो सितम, गम़जों की झुकावट वैसी ही। मिज़गाँ की सनां, नज़रों की अनी अबरू की खिंचावट वैसी ही॥ क़त्ताल निगाह और दिष्ट ग़जब आंखों की लगावट वैसी ही। पलकों की झपक, पुतली की फिरत, सुर्मे की लगावट वैसी ही॥ अय्यार …

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