गगन नगरि इक बूंद न बरखै नादु कहा जु समाना-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji

गगन नगरि इक बूंद न बरखै नादु कहा जु समाना-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji गगन नगरि इक बूंद न बरखै नादु कहा जु समाना ॥ पारब्रहम परमेसुर माधो परम हंसु ले सिधाना ॥१॥ बाबा बोलते ते कहा गए देही के संगि रहते ॥ सुरति माहि जो निरते करते …

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