खोज-आत्मा की आँखें -रामधारी सिंह ‘दिनकर’ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ramdhari Singh Dinkar 

खोज-आत्मा की आँखें -रामधारी सिंह ‘दिनकर’ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ramdhari Singh Dinkar खोजियो, तुम नहीं मानोगे, लेकिन संतों का कहना सही है । जिस घर में हम घूम रहे हैं, उससे निकलने का रास्ता नहीं है । शून्य औए दीवार, दोनों एक हैं । आकार और निराकार, दोनों एक हैं । जिस दिन …

Read more