बटुआ-2-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
बटुआ-2-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi तुम्हारे हाथ से होता नहीं एक दम जुदा बटुआ। यह किस उल्फ़त भरी ने सच कहो तुमको दिया बटुआ॥ मुअत्तर हो रहा है निगहतज़ो ज़ोक़रनफ़िल से। कहूं मैं इत्रदां क्यूं साहब इस बटुए को या बटुआ॥ घड़ी गुन्चा घड़ी गुल, फिर घड़ी में गुल …