हमारे शौक के आंसू दो, खुशहाल होने तक-नज़्में-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

हमारे शौक के आंसू दो, खुशहाल होने तक-नज़्में-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia हमारे शौक के आंसू दो, खुशहाल होने तक तुम्हारे आरज़ू केसो का सौदा हो चुका होगा अब ये शोर-ए-हाव हूँ सुना है सारबानो ने वो पागल काफिले की ज़िद में पीछे रह गया होगा है निस-ए-शब …

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