खुला आसमान…-ग़ज़लें-मोहनजीत कुकरेजा -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mohanjeet Kukreja Ghazals

खुला आसमान…-ग़ज़लें-मोहनजीत कुकरेजा -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mohanjeet Kukreja Ghazals आज-कल कोई फ़िक्रमंद तो कोई परेशान मिले कितना डरा हुआ दिखता है जो भी इंसान मिले दौर-ए-हयात में अब यक़ीन बरक़रार कैसे रहे डाँवा-डोल ही इन दिनों दुनिया का ईमान मिले मुश्किल दौर है अल्लाह तौफ़ीक़ अता फ़रमाए किसे पता इसके बाद कौन सा …

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