हरिजन गाथा-खिचड़ी विप्लव देखा हमने -नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun
हरिजन गाथा-खिचड़ी विप्लव देखा हमने -नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun (एक) ऐसा तो कभी नहीं हुआ था ! ऐसा तो कभी नहीं हुआ था ! महसूस करने लगीं वे एक अनोखी बेचैनी एक अपूर्व आकुलता उनकी गर्भकुक्षियों के अन्दर बार-बार उठने लगी टीसें लगाने लगे दौड़ उनके भ्रूण अंदर ही अंदर …