राखी-शायरी(कविता) नज़्में -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
राखी-शायरी(कविता) नज़्में -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi चली आती है अब तो हर कहीं बाज़ार की राखी । सुनहरी, सब्ज़, रेशम, ज़र्द और गुलनार की राखी । बनी है गो कि नादिर ख़ूब हर सरदार की राखी । सलूनों में अजब रंगीं है उस दिलदार की राखी । न …