ख़ुशी से दान देने की प्रेरणा-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

ख़ुशी से दान देने की प्रेरणा-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi जरदार है तो हरग़िज, मत मार अपने मन को। तनजे़ब तनसुखों से, तरसा न अपने तन को। जो नर चलन चले हैं, चल तू भी उस चलन को। मुर्शिद का है यह नुक्ता, रख याद इस सुखन …

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