ख़ुशबू बहुत है-कविताएँ-गिरिजा कुमार माथुर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Girija Kumar Mathur

ख़ुशबू बहुत है-कविताएँ-गिरिजा कुमार माथुर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Girija Kumar Mathur मेरे युवा-आम में नया बौर आया है ख़ुशबू बहुत है क्‍योंकि तुमने लगाया है आएगी फूल-हवा अलबेली मानिनी छाएगी कसी-कसी अँबियों की चाँदनी चमकीले, मँजे अंग चेहरा हँसता मयंक खनकदार स्‍वर में तेज गमक-ताल फागुनी मेरा जिस्‍म फिर से नया …

Read more