ख़ुशबू का सफ़र-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz,

ख़ुशबू का सफ़र-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz, छोड़ पैमाने-वफ़ा की बात शर्मिंदा न कर दूरियाँ ,मजबूरियाँ,रुस्वाइयाँ, तन्हाइयाँ कोई क़ातिल, कोई बिस्मिल, सिसकियाँ, शहनाइयाँ देख ये हँसता हुआ मौसिम है मौज़ू-ए-नज़र वक़्त की रौ में अभी साहिल अभी मौजे-फ़ना एक झोंका एक आँधी,इक किरन , इक जू-ए-ख़ूँ फिर …

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