दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz दोनों जहान तेरी मोहब्बत मे हार के वो जा रहा है कोई शबे-ग़म गुज़ार के वीराँ है मयकदः ख़ुमो-सागर उदास हैं तुम क्या गये कि रूठ गए दिन बहार के इक फ़ुर्सते-गुनाह मिली, वो भी चार …